रिचर्स से हुआ कोरोना वायरस का खुलासा क्या गंगा के पानी में बहाये गए शवों से पानी में वायरस मौजूद है-जानिए रिचर्स के दौरान वैज्ञानिको की रिपोर्ट
आज कोरोना को लेकर पूरे देश में एक डर बन गया है। लोग कोरोना के तीसरी लहर को लेकर काफी परेशान हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है की कोरोना की तीसरी लहर बच्चो के लिए ज्यादा खतरनाक साबित होगी। इसी का अंजाम गंगा नदी पर देखने को मिला , जहा लोग कोरोना से मृत शवो को नदी में बहा रहे थे।जिसके कारण गंगा नदी इस खतरनाक वायरस से दूषित हो गई। इस बात का खुलासा वैज्ञानिकों की रिसर्च से पता चला है।
बिहार और पटना के जिलों में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान संक्रमित मृत शवो को गंगा नदी में बहाया गया था,जिसके कारण गंगाजल में वायरस मिला है।
बक्सर और कटिहार जिले में उस दौरान सबसे ज्यादा शव गंगा में बहाएं गए थे।लेकिन उस का दुसप्रभाब गंगा के पानी पर कुछ इस प्रकार पढ़ा की जो भी इस जल से में नहाता , वो बीमार हो रहा था हालाकि पानी में कोई भी वायरस मौजूद नहीं है।
पहले तो लोगो को इस पे शक था की गंगा के पानी में वायरस होगा,लेकिन अब रिसर्च से सब को पता चल गया है कि गंगा के पानी में वायरस मौजूद नही हैं।
ये रिसर्च गंगा के पानी में बहाएं गए मृत शवो के मिलने के बाद भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान लखनऊ,केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड,तथा बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के साथ मिलकर स्वच्छ गंगा मिशन के दौरान रिसर्च करवाया था।
इस रिसर्च से साफ हो गया की नदी कर अंदर कोई वायरस नही है।
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के लीडर अशोक घोष ने कहा कि इस साल मई और जून में बहाए गए शवो के बाद पानी का सैंपल लिया गया था उन्होंने बताया की अब डर ने कोई बात नही है। सैंपल से पानी में वायरस के होने का कोई सबूत नहीं मिले है।
गंगा नदी से जो सैंपल लिए गए हैं उनको वज्ञानिको ने गारंटी दी है। वही पटना
पटना यूनिवर्सिटी पीजी डिपार्टमेंट ऑफ जूलॉजी के हेड अरविंद कुमार ने कहां की नदी के किनारे पानी थोड़ी मात्रा कितना होगा लेकिन लगातार बहाव के कारण नदी का पानी स्वच्छ हो गया है।