कर्नल बैंसला की कहानी के दिलचस्प किस्से..पार्ट-2
भारतीय सेना में जिब्राल्टर की चट्टान इंडियन रैम्बो नाम से विख्यात कर्नल बैंसला को वर्ष 2005 में पिपलखेड़ा में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति का संयोजन बनाया गया कर्नल बैंसला ने सैकड़ो गाँवो में जनजागरण अभियान चलाया 500 से अधिक नुक्कड़ सभाएं की कर्नल के कमांडो भी कर्नल के आदेशों का पूरा पालन करते थे कर्नल की फ़ौज का हर सिपाही अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी के साथ बेखूबी से निभाता था जब कर्नल बैंसला समाज की जाजम पर बैठकर समाज को जिस दिशा में चलने को कहते उसी दिशा में चलने के लिए सैकड़ो से हजारो ,हजारो से लाखों हाथ उठने लगे थे
पूर्वी राजस्थान के दर्जनों जिलों के गुर्जरो को अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार कर लिया था कर्नल बैंसला ने गांव गांव जाकर समाज की स्थिति का आंकलन किया और समाज मे एक क्रांतिकारी बदलाव लाने की कसम खाई शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़े गुर्जरो को आरक्षण का अर्थ बताया
कर्नल बैंसला ने सरकार से गुर्जरो को शिक्षा में आरक्षण देने की मांग की लेकिन गुर्जरो की इस मांग को सरकार ने अनसुनी कर दी कर्नल बैंसला ने तय किया कि आंदोलन की एकमात्र रास्ता है कर्नल के कमांडो आंदोलन के लिए पूरी तरह तैयार थे
3 सितंबर 2006 को रेल रोककर गुर्जर आरक्षण आंदोलन की शुरुआत कर दी आजादी के बाद की ये पहली घटना थी जब किसी समुदाय ने रेल रोककर अपनी मांगों को सरकार के सामने रखा
कर्नल बैंसला ने अपने हजारो समर्थकों के साथ अपने ग्रह जिले करौली हिंडौन रेलवे स्टेशन को पूरी तरह कब्जे में ले लिया था दिल्ली मुंबई रेलमार्ग के साथ देश प्रदेश की दर्जनों ट्रेनों के पहिए थम गए कर्नल बैंसला एक झटके में देशी विदेशी मीडिया में छा गए क्योकि कोई अंग्रेजी का सवाल पूछता तो उसे अंग्रेजी में ही जवाब मिलता कोई हिंदी में बात करता तो उससे हिंदी में ही बात करता और स्थानीय आंदोलनकारियों के साथ स्थानीय भाषा में विचार विमश करते
2006 में राज्य में भाजपा सरकार थी भाजपा सरकार गुर्जर आंदोलन को काबू नही कर पाई केंद्र की दखलंदाजी के बाद जस्टिस चोपड़ा कमेटी बनाई गई और कर्नल बैंसला की मांगों को पूरी करने का आश्वासन देते हुए कहा कि कमेटी रिपोर्ट आते ही गुर्जरो को 5% आरक्षण दे दिया जाएगा उसके बाद कर्नल बैंसला ने हिंडौन रेलवे को अपने आंदोलन से मुक्त किया
…….पार्ट -3 का इंतजार करें
✍️✍️✍️लेखक :- *Gujjar Gopal Singh Bassi*