अब चीन की नहीं चलेगी कारोबार में चालाकी – भारत ने चीन को कारोबारी में झटका देने का बनाया प्लान – जानिए ड्रैगन को कैसे देगा झटका भारत भारत सरकार ने पिछले कुछ महीनो से चीन से आ रहे प्रोडक्टो पर रोक लगा दी है और वहा से आने वाले प्रोडक्टो पर कर लगा दिया है हम पिछले कई सालो से चीन से आ रहे सामानो को अपने देश में बच रहे है और खरीद रहे है| जिससे अपने देश में भी चीज बन नहीं रही है | जिससे देश की आर्थिक स्थिति और भी ख़राब होती जा रही है ,साथ ही साथ कोई काम न होने से बेरोजगारी को बढ़ावा मिल रहा है | चीन भारत में सबसे ज्यादा प्रोडक्ट निर्यात करता है | भारत में स्मार्ट फोन से लेकर टीवी ,लेपटॉप ,कम्प्यूटर ,फ्रिज ,पानी की मोटर ,टोर्च ,और भी कई प्रोडक्ट है सबसे ज्यादा चीन भारत में बेच रहा है | चीन की आदि से ज्यादा आबादी इन प्रोडक्टो पर निर्भर है जो भारत में शैल हो रहे है | यदि हम चीन के इन प्रोडक्टो को नहीं खरीद कर अपने देश में ही इनको बनाना शुरू कर दे ,तो भारत में जो गरीबी और बेरोजगरी भी है सब खत्म हो जाएगी | फिर में कोई भी आदमी बेरोजगारी से आत्महत्या नहीं करेगा | हमारे देश में मेड इन चाईना की जगह मेड इन इंडिया की चीजे चलेगी तो हमें कितना गर्भ होगा हम हमारे देश में बनी चीजों का इस्तमाल कर रहे है | हालांकि बदलते समय के साथ साथ बदल रहा है भारत देश | लेकिन भारत सरकार ने अब चीन की चालाकी को समझते हुए वहा से आ रहे प्रोडक्टो पर कर लगा दिया है | अब वाणिज्य मंत्रालय की जांच शाखा ( डी जी टी आर ) ने घरेलू विनिर्माताओं को एलुमिनियम को सस्ते दामों में बेचने के लिए चीन से आ रहे इस प्रोडक्ट पर डपिंग नामक शुल्क लगा ने की सिफारिश की है |
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापर में किसी भी प्रोडक्ट की डपिग जब की जाती है जब कोई देश या कम्पनी अपना प्रोडक्ट किसी को उसके घरेलु बाजारों से भी कम कीमत पर बेचती है | ऐसे आयत करने से उस कम्पनी पर बुरा असर पढता है डी आर टी आर ने आयत पर 65 डॉलर प्रति टन और 449 डॉलर प्रति टन डपिग नाम का कर लगाने का आदेश दिया है |कर लगाने का काम वित्त मंत्रालय करता है |