आप ने बहुत से पैरालंपिक खिलाड़ियों के बारे में जाना होगा लेकिन हम बात करने वाले है एक ऐसे शख्स के बारे में जिनका एक हाथ न होने के बाद भी उन्होंने पैरालंपिक में मैडल अपने नाम कर लिया।
आप ने बहुत पैरालंपिक में बहुत से खिलाड़ियों के बारे में जाना होगा या उन्हें कही देखा होगा। लेकिन क्या आप ने कभी अब की बार पैरालंपिक मैडल जीतने वाले सुन्दर गुर्जर के बारे में जाना है।
तो चलिए शुरू करे पैरालंपिक खिलाडी सुन्दर गुर्जर के बारे
पैरालंपिक खिलाड़ी सुन्दर सिंह गुर्जर ने कुछ सालो पहले अपने दोस्त की टिन छत गिरने में अपना एक हाथ गवा दिया है । तब से सुन्दर सिंह की जिन्दगी ने कुछ इस कदर मोड़ ले लिया की उन्होंने अपने हाथ के कटने बाद गम से आत्महत्या करने की भी सोच ली थी। लेकिन उनके कोच ने उनकी जिंदगी कुछ इस कदर बदल दी की 25 साल के होने पर उन्होंने पुरे विश्व में पैरालंपिक मैडल जीतकर अपना नाम कर दिया।
सुन्दर सिंह ने पैरालंपिक खेल में 64.01 मीटर तक भाला फेक कर कासा मैडल जीता ,अपने इस हादसे के बाद पैरा स्पर्धा में भाग लेने लग गए थे।
उनको इस लेवल तक पहुंचाने में उनके कोच महावीर सैनी का सबसे ज्यादा हाथ है ,सुन्दर ने बताया की जब वे हतास होकर बैठ जाते थे तब उनके कोच उन्हें मोटिबेट करे थे। आज वे जो कुछ भी है उसका सब से ज्यादा श्रेय उनके कोच महावीर सैनी को जाता है।
सुन्दर ने बताया की वे रियो पैरालम्पिक के लिए 52 सैकंड देर से पहुंचे जिसकी वजह से उनकों वह से डिस्क्वालीफाई का दिया था। सुन्दर सिंह ने बताया की 2009 में वे गोला फेक का भी हिस्सा थे। उन्होंने गोला फेक खेल में भी कई मैडल जीत रखे है। उनकी गोला फेक ताकत को देखकर उनके कोच महावीर सैनी ने उन्हें बताया की यदि वे अपने करियर में कुछ करना चाहते है तो उनको गोला फेक खेल को छोड़ कर भाला फेक खेल में आना होगा।
सुन्दर सिंह की इस जोरदार पारी को देकर भारत के प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद आकर उनको बधाई दी।
उन्होंने अपने एक इंटरव्यू ने बताया की आप की जिंदगी और आपका करियर सिर्फ आप के हाथ में आप यू छोटी छोटी बातों निराश मत होना क्योकि इसका उदाहरण में खुद हु ,जब मैने अपना हाथ गवा दिया तब भी मै इस मुकाम पर हु तो फिर आप तो मुझसे भी ठीक हो आप के सारे अंग ठीक है तो फिर ,