तुर्की और तालिबान में हुई बातचीत काबुल एयरपोर्ट पर हुए आत्मघाती हमलों को लेकर-
काबुल एयरपोर्ट पर हुए आत्मघाती हमलों के बाद तुर्की और तालिबान में हुई बातचीत
काबुल पर हुए आत्मघाती हमले के बाद तुर्की ने तालिवान के साथ पहली बार बात की । इस बातचीत को लेकर दोनो में काफी बहस भी हुई।
बताया जा रहा है की दो दिन पहले तालिबान ने तुर्की से आग्रह किया था की वह काबुल एयरपोर्ट को चलाने में उसकी तकनीकी मदद करे।इसी मुद्दे को लेकर तालिबान ने एक शर्त रखी थी की तुर्की को मदद करने से पहले अपनी सेना को काबुल से पूरी तरह से हटा लेंगे। लेकिन वे अपने इस झूठे वादे पर खरे नही उतर पाए |
इसी बात को लेकर दोनो में लगभग साढ़े तीन घंटे तक बात चली।
एर्दोगन ने बताया की यह बातचीत काबुल हवाई अड्डे के मिलिट्री सेक्सन में हुई है
सूत्रों से पता चला है कि तुर्की ने अपना अस्थाई दूतावास इसी इलाके में सेटअप किया हुआ है।एर्दोगन ने कहा की तुर्की और तालिबान के बीच हुई यह बातचीत में उन्होंने एक दूसरे को हानि ना पहुंचाने की बात भी रखी।
तुर्की पिछले दो महीनों से काबुल अफगानिस्तान से अपने सैनिको को वापस बुलाना शुरू कर दिया तो।
जिससे संभावना जताई जा रही थी की शायद तुर्की अपनी योजना को ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश कर रहे हैं।
लोग इसी बात को लेकर चिंतित हैं की अगर अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्बजा कर लिया तो क्या होगा?
तालिबान लगातार अफगानिस्तान पर
धमाके के बाद धमाके कर कर रहा है।लोग अपने घरों को छोड़ कर अलग अलग देशों में सरण ले ने जा रहे हैं।
तालिबान लगातार सब को अपने अधीन कर रहा है इसी बात को लेकर आतंकवाद के खिलाफ दुनिया एकजुट हो तो सब मिलकर इस आतंक को खत्म कर सकते हैं। तरुमूर्ति ने बताया की इस आतंक की वजह से हम सब को उसके साथ खड़े होकर इस समस्या का समाधान कर ने का मोका भी मिला है।जिससे एक दूसरे के संबध भी मजबूत हो सकेगे।