दिल्ली को मरुस्थल होने से बचना है तो वन क्षेत्रो में करनी होगी वृद्धि-
दिल्ली को मरुस्थल होने से बचना है तो वन क्षेत्रो में करनी होगी वृद्धि। जैसा की आप सब जानते हैं की मानव को जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है।
और यही एक ऐसे अमूल्य गैस है जो हमे सबसे ज्यादा अपने अस्तित्व के लिए आवश्यक है। और आजकल इसी अमूल्य धरोहर को दिल्ली में हटाने की कोशिश की जा रही है।
एक तो यहां पर पहले से ही बहुत ज्यादा प्रदुषण है जिसकी वजह से लोग बहुत ज्यादा रोगी हो रहे हैं।बीते हुए कई सालो से दिल्ली में लगातार पेड़ो की कमी आ रही हैं
लोगो ने पेड़ो को काटकर वहा पर बड़े बड़े मकान बना दिए हैं।
जिसकी वजह से प्रकृति अपनी रोनक खो रही है। दिल्ली के हालत इतने खराब है की लोग यहां ठीक तरीके से तो सास भी नही ले सकते।
दरअसल , हरियाली बड़ाने के नाम पर हर साल पौधारोपण होता था। लेकिन पर्यावरण के लिए वन क्षेत्र बड़ाने की जरूरत है। ताकि हर साल अच्छी तरह से बारिश हो सके।
हम बचपन से पड़ते आ रहे की पेड़ हमारे जीवन में बहुत जरूरी है ,लेकिन हम ये जानते हुए भी पेड़ो को लगातार अपने स्वार्थ के लिए काट रहे हैं।
पेड़ो की लगातार कटाई से शहरो ,और महानगरों के तापमान में बहुत अधिक तेजी से बड़ रहा है।
साथ ही साथ कारखानों से निकली जहरीली गैस जो हार जीव के लिए हानिकारक है।वो भी आने वाले टाइम में पेड़ो की कमी से मानव को काफी हानि पहुचायेगे।
पेड़ो की कटाई से हमे हर तरीके से नुकसान ही नुकसान है।
पेड़ो को कटाई की तुलना में दिल्ली सबसे आगे हैं। यहां पर लोग किसी निउपयोगी वस्तु की तरह पेड़ो को अपने रास्ते से हटा रहे हैं।
अगर इसी तरह से लोग अपने स्वार्थ के लिए वनों को हटाते गए तो आने वाले समय में इस धरती पे जीवन संभव नहीं हो पायेगा।
हमे ये बात समझी होगी की हम पेड़ो पर कुल्हाड़ी मार रहे है,लेकिन उनका तो कुछ नहीं कर रहे हैं।जो नुकसान हो रहा है सब अपना हो रहा है और आने वाले टाइम में जो होगा वो भी अपना ही होगा।
मानव जीवन में पेड़ो को भूमिका को समझे और पेड़ो के साथ साथ अपना भी जीवन बचाए।