जैसा कि आप सब जानते हैं की भारत एक ऐसा देश है जहां पर सबसे ज्यादा हिंदुओं के पर्व बनाए जाते हैं जिनमें से कृष्ण जन्माष्टमी भी एक महत्वपूर्ण पर्व है बताया जाता है कि श्री कृष्ण भगवान जो विष्णु के अवतारी थे उन्होंने दुष्टों का नाश करने के लिए पृथ्वी पर अवतार लिया था ओर कंस नाम के राक्षस का संहार किया था हमारे भारत देश में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ धूमधाम से मनाया जाता है इसी दिन भगवान कृष्ण काली रात में 12बजे जन्म लिया था। लोग इस दिन व्रत रहकर अपनी आस्था को प्रकट करते हैं श्री कृष्णा जन्म से तो देवकी के पुत्र माने जाते हैं लेकिन इनको इस संसार में यशोदा मां के नंदलाला के नाम से जाना जाता है यह बचपन से ही नटखट थे, श्री कृष्णा जैसे-जैसे अपनी उम्र में बढ़ते गए वैसे वैसे चतुर और चालाक भी होते गए साथ ही अब अपने दोस्तों के साथ माखन भी चुराने लगे। श्री कृष्ण अपने दोस्तों साथ साथ गायों को चराने के लिए जाते थे।
प्रेम में कोई वियोग नहीं होता प्रेम ही अंतिम योग है
- पीर लिखो तो मीरा जैसी
मिलन लिखो कुछ राधा सा
दोनो ही है कुछ पूरे से
दोनो में ही वो कुछ आधा राधा कृष्ण का मिलन तो बस एक बहाना था.
दुनिया को प्यार का ही सही मतलव जो समझाना था। - एक तुम्हारे ख्याल में हमने।।
न जाने कितने
ख्याल छोड़ो है सावरिया।। - तू करता वही है जो तू चाहता है
होता वही है,जो मैं चाहता हूं।
टू वही कर,जो मैं चाहता हूं।
फिर होगा वही ,जो तू चाहता है - मन तुलसी का दास है, वृन्दावन हो धाम।
सास_सास राधा बसे , रोम रोम में श्याम।।